BSTC 2025 में सफलता पाने के लिए सिर्फ़ पढ़ाई ही नहीं बल्कि स्मार्ट पढ़ाई, डिजिटल टूल्स का उपयोग और लगातार (Bstc gk qestion in hindi) रिविजन सबसे अहम है। अगर विद्यार्थी इन बातों को अपनाएँगे तो वे आसानी से बेहतर रैंक ला सकते हैं।
अगर विद्यार्थी स्मार्ट पढ़ाई के साथ-साथ लगातार रिविजन (TOP Rajasthan GK questions) को भी अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेंगे, तो वे आसानी से अपनी कमियों को दूर करके BSTC में बेहतर अंक ला सकते हैं।
Question.1 'बुलाक आभूषण' महिलाएँ शरीर के किस भाग में धारण करती है-
[A] कान में
[B] नाक में
[C] गर्दन में
[D] कमर में
Ans- [B] नाक में।
Question.2 लोकनाट्य धूलिया राणा और नानूराम किस ख्याल से सम्बन्धित हैं-
[A] जयपुरी
[B] कुचामानी
[C] हेला ख्याल
[D] शेखावाटी ख्याल
Ans- [D] शेखावाटी ख्याल।
Question.3 राजावटी और नागरचोल किस बोली की उपबोलिया है-
[A] मेवाड़ी
[B] ढूंढाड़ी
[C] रंगडी
[D] बागड़ी
Ans- [B] ढूंढाड़ी।
Question.4 मोर चांग क्या है-
[A] एक सुषिर वाद्य यंत्र
[B] एक घन वाद्य यंत्र
[C] एक तत् वाद्य यंत्र
[D] एक अवनथ वाद्य यंत्र
Ans- [A] एक सुषिर वाद्य यंत्र।
Question.5 लांगुरिया गीत किस मेले का आकर्षण है-
[A] जीण माता का मेला
[B] रामदेव जी का मेला
[C] शीतला माता का मेला
[D] कैला देवी का मेला
Ans- [D] कैला देवी का मेला।
Question.6 राजस्थान के किस लोक देवता को धौलिया वीर के नाम से भी जाना जाता है-
[A] पाबूजी को
[B] कबीर को
[C] गोगाजी को
[D] तेजाजी को
Ans- [D] तेजाजी को।
Question.7 'बूढ़ा पुष्कर, होकरा, जायल पुरास्थल किस काल से सम्बन्धित है-
[A] नवपाषाण काल
[B] पुरा पाषाण काल
[C] कांस्य काल
[D] ताम्र पाषाण काल
Ans- [B] पुरा पाषाण काल।
Question.8 तुलजा भवानी का मंदिर कहाँ पर स्थित है-
[A] नाडोल
[B] बारां
[C] चित्तौड़गढ़
[D] राजसमंद
Ans- [C] चित्तौड़गढ़।
Question.9 किस प्रतिहार शासक ने 'आदिवराह' की उपाधि धारण की थी?
[A] नागभट्ट -I ने
[B] नागभट्ट -II ने
[C] वत्सराज ने
[D] मिहिरभोज ने
Ans- [D] मिहिरभोज ने।
Question.10 जयपुर शहर की स्थापना सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा कब की गई थी?
[A] 1734 ई. में
[B] 1868 ई. में
[C] 1727 ई. में
[D] 1714 ई. में
Ans- [C] 1727 ई. में।
📝 BSTC की तैयारी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी-
BSTC परीक्षा में हर साल हजारों अभ्यर्थियों भाग लेते हैं। इस कारण प्रतियोगिता बहुत अधिक होती है। जो विद्यार्थी नियमित अध्ययन के साथ-साथ समझदारी से तैयारी (मेहनत) करते हैं, वही सफलता प्राप्त कर पाते हैं। परीक्षा में केवल रटने से काम नहीं चलता है, बल्कि कॉन्सेप्ट को समझना और उन्हें बार-बार दोहराना सबसे ज़रूरी होता है।
विद्यार्थी समय का सही उपयोग करें और अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर पढ़ाई करें। तैयारी के दौरान कठिनाइयाँ आना सामान्य है, लेकिन जो विद्यार्थी धैर्य और अनुशासन बनाएँ रखते हैं, वे अंत में निश्चित रूप से सफल होते हैं।